जर्मनी में भारत का एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल, भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में, आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता का संदेश लेकर पहुँचा। इस अवसर पर भारत की “जीरो टॉलरेंस” नीति को लेकर जर्मनी ने न केवल स्पष्ट समर्थन व्यक्त किया, बल्कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले की भी सख़्त निंदा की।
इस उच्च स्तरीय बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने जर्मन विदेश मंत्री जोहान वेडफुल, बुंडेसटैग के वरिष्ठ नेताओं और कई प्रमुख थिंक टैंक्स से मुलाकात की। जर्मनी के राजनीतिक नेतृत्व ने भारत के सिद्धांतवादी और निर्णायक रुख को सराहा और रणनीतिक साझेदारी को और गहराने की प्रतिबद्धता जताई।
रविशंकर प्रसाद ने स्पष्ट किया कि भारत किसी भी प्रकार के परमाणु दबाव या आतंकी धमकियों के आगे नहीं झुकेगा। उन्होंने “ऑपरेशन सिंदूर” जैसे ठोस कदमों का हवाला देते हुए कहा कि भारत आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करता और न ही उसके समर्थन करने वालों को।
इस दौरे के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने बर्लिन में भारतीय समुदाय से भी मुलाकात की। आतंक पीड़ितों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखकर आतंक के खिलाफ एकजुट रहने की शपथ ली गई। प्रतिनिधिमंडल में दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, प्रियंका चतुर्वेदी, एमजे अकबर, और पंकज सरन जैसे वरिष्ठ नेता शामिल थे।
भारतीय दूतावास ने जानकारी दी कि इस यात्रा का उद्देश्य भारत-जर्मनी रणनीतिक संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाना, वैश्विक शांति में सहयोग को मजबूत करना और लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित वैश्विक व्यवस्था को सशक्त करना था।