नई दिल्ली। हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड को लेकर भारत और कनाडा के बीच उपजे विवाद में अब नरमी देखने को मिल रही है। जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के बीच हुई महत्वपूर्ण बैठक के बाद, कार्नी ने कहा कि इस मुद्दे पर उन्हें न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने तक संयम बरतना होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन के मंच से आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश देते हुए कहा, “अगर कोई देश आतंकवाद को बढ़ावा देता है, तो उसे उसकी कीमत चुकानी होगी।” उन्होंने दोहरे मापदंडों पर भी तीखा प्रहार किया और कहा कि वैश्विक समुदाय को आतंकवाद के खिलाफ समान रूप से कठोर रुख अपनाना चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने भी जानकारी दी कि प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के विरुद्ध भारत की स्पष्ट नीति को दोहराया और हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा करने के लिए वैश्विक नेताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने आतंकवाद के समर्थकों के खिलाफ वैश्विक स्तर पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत पर बल दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने जी-7 मंच से ‘ग्लोबल साउथ’ के मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाया। उन्होंने विकासशील देशों की चुनौतियों को वैश्विक एजेंडे में शामिल करने का आग्रह किया।
बैठक के इतर प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीयर स्टार्मर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-म्युंग, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी एल्बानीज के साथ भी द्विपक्षीय वार्ताएं कीं। इन बैठकों में व्यापार, निवेश और वैश्विक आर्थिक सहयोग पर गहन चर्चा हुई।
भारत और कनाडा के संबंधों में भी सकारात्मक बदलाव के संकेत मिले हैं। दोनों देशों ने नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति पर सहमति जताई है, जिससे वीजा और वाणिज्यिक सेवाओं में सामान्य स्थिति बहाल हो सकेगी।
जी-7 सम्मेलन में पीएम मोदी की भागीदारी भारत की वैश्विक साख को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।