नई दिल्ली — भारत और ब्रिटेन के बीच रणनीतिक तकनीकी साझेदारी को और मजबूत करते हुए दोनों देशों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य-तकनीक (Health-Tech) और उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके ब्रिटिश समकक्ष डेविड लैमी के बीच हुई अहम बैठक में ‘टेक्नोलॉजी सिक्योरिटी इनिशिएटिव’ (TSI) को प्रभावी बनाने पर जोर दिया गया।
जयशंकर ने कहा कि टीएसआई पहल एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, बायोटेक, क्रिटिकल मिनरल्स और उन्नत सामग्रियों जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को गति देगी। वहीं डेविड लैमी ने इसे “भारत-ब्रिटेन सहयोग का भविष्य” बताया।
लैमी ने यह भी कहा कि एफटीए (Free Trade Agreement) केवल एक शुरुआत है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर जल्द ही भारत का दौरा करेंगे और एफटीए पर हस्ताक्षर करेंगे।
प्रमुख बिंदु:
- भारत-ब्रिटेन का सहयोग AI, सेमीकंडक्टर, हेल्थटेक, क्वांटम टेक्नोलॉजी, बायोटेक में बढ़ेगा
- TSI पहल से रणनीतिक निर्यात और तकनीकी व्यापार को बढ़ावा मिलेगा
- इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस ब्रिज के ज़रिए ब्रिटेन से भारत में दीर्घकालिक पूंजी निवेश
- ब्रिटिश विश्वविद्यालय भारत में कैंपस खोलने को इच्छुक
- मैनचेस्टर और बेलफास्ट में नए भारतीय वाणिज्य दूतावास
- जल्द भारत दौरे पर आ सकते हैं ब्रिटिश प्रधानमंत्री