बार-बार बेवजह उदासी और चिंता? जानिए इसके कारण और समाधान, वरना बढ़ सकती है परेशानी

कई बार हम बिना किसी कारण के ही खुद को दुखी या परेशान महसूस करने लगते हैं। यह स्थिति सामान्य लग सकती है, लेकिन अगर यह लगातार बनी रहे तो यह आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी हो सकती है।

विशेषज्ञों के अनुसार, जब बिना किसी स्पष्ट वजह के मन भारी हो या मनोस्थिति बार-बार नकारात्मक हो, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह समस्या डिप्रेशन या हार्मोनल असंतुलन का संकेत भी हो सकती है।

क्यों होता है बेवजह उदासी महसूस करना?

मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि कभी-कभी काम का बोझ, पारिवारिक तनाव, रिश्तों की उलझन या स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी आपको अनजाने में प्रभावित करती हैं। कई बार मौसम में बदलाव, नींद की कमी, हार्मोनल बदलाव, खासकर महिलाओं में थायरॉइड या पीसीओएस जैसी समस्याएं भी इसके पीछे हो सकती हैं।

डॉ. एस. धनंजय का कहना है कि डोपामिन और सेरोटोनिन जैसे ‘फील गुड’ हार्मोन्स की कमी भी लंबे समय तक उदासी की वजह बन सकती है। इसके अलावा विटामिन-डी और बी-12 की कमी, ओवर थिंकिंग, खुद को दोषी मानना और भविष्य की चिंता भी मूड को लगातार खराब कर सकती है।

कब समझें कि समस्या गंभीर है?

अगर यह स्थिति दो सप्ताह से अधिक समय तक बनी रहती है, तो यह क्लिनिकल डिप्रेशन हो सकता है। समय रहते इस पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।

क्या करें इस स्थिति में?

  • अपने मन की बातें दोस्तों या परिवार के साथ साझा करें।
  • मनपसंद गाने सुनें या किसी क्रिएटिव काम में खुद को व्यस्त रखें।
  • योग, मेडिटेशन और नियमित व्यायाम से भी फायदा मिल सकता है।
  • यदि समस्या बनी रहती है तो तुरंत किसी मनोचिकित्सक से संपर्क करें।

उदासी को नजरअंदाज करना आपके मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। समय रहते इससे निपटना जरूरी है।

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