बस्तर से मिट रहा लाल आतंक का नासूर

iरिकॉर्ड तोड़ कार्रवाई, 354 नक्सली ढेर, 1400 ने किया आत्मसमर्पण

बस्तर के बीहड़ों में अब डर नहीं, बल्कि कानून का राज स्थापित हो रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के 2026 तक देश को नक्सलमुक्त करने के लक्ष्य को लेकर छत्तीसगढ़ की साय सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों ने जबरदस्त सफलता पाई है।

बसवा राजू की मौत से नक्सल कैडर में दहशत

बस्तर में DRG के बहादुर जवानों ने हाल ही में नक्सल संगठन के महासचिव बसवा राजू को मुठभेड़ में मार गिराया। बसवा राजू पर 10 करोड़ रुपये का इनाम था। यह कार्रवाई “मति गति जीरो छति” ऑपरेशन के तहत की गई, जिसने नक्सलियों की कमर तोड़ दी है।

बस्तर रेंज के IG सुंदरराज पी. ने नक्सलियों को चेतावनी दी कि यदि गणपति, देवजी, सोनू, हिड़मा, सुजाता जैसे बड़े नक्सली कमांडर जल्द ही हथियार नहीं डालते, तो उनका भी अंत बसवा राजू जैसा ही होगा।

बस्तर में कार्रवाई का लेखा-जोखा (1 साल 5 महीने में)

354 नक्सली मारे गए

1400 से अधिक ने किया आत्मसमर्पण

1200 गिरफ्तार

500 से ज्यादा हथियार जब्त

530 से अधिक IED बरामद

53 नए सुरक्षा कैंप स्थापित

49 सड़कों का निर्माण (लंबाई 238 किमी)

9 बड़े पुल बनाए गए

989 मोबाइल टावर खड़े किए गए

इन जिलों में खुले नए कैंप:

सुकमा – 12

बीजापुर – 16

नारायणपुर – 9

दंतेवाड़ा – 2

कांकेर – 1

राजनांदगांव – 1

खैरागढ़ – 2

मोहला-मानपुर – 3

कबीरधाम – 7

DRG बस्तर की उम्मीद

DRG (District Reserve Guard) के जवान जंगलों की भौगोलिक स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ होते हैं। यही वजह है कि ये नक्सलियों के खिलाफ सबसे प्रभावी सिद्ध हो रहे हैं।

नारायणपुर में 546 DRG जवान, जिनमें 84 महिलाएं

2008 में DRG की शुरुआत, 2013 में विस्तार

अब तक 18 जवान शहीद

DRG की महिलाएं – बस्तर की बेटियां – भी इस अभियान में कंधे से कंधा मिलाकर लड़ रही हैं। ये जवान रोजाना 90 से 120 किमी पैदल चलकर ऑपरेशन में हिस्सा लेते हैं।

रात के सन्नाटे में ऑपरेशन, दुश्मन की नींद उड़ाते हैं ये वीर

घने जंगलों, IED, नदी, स्पाइक होल्स के बीच DRG जवान दिन-रात ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं। बस्तर के 10 लाख निवासियों की उम्मीदें इन जवानों के मजबूत कंधों पर टिकी हैं।

CM साय का विश्वास और शाह का मिशन

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का विश्वास है कि अमित शाह के मिशन 2026 को निश्चित रूप से समय पर पूरा किया जाएगा। साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती जल्द ही नक्सलमुक्त होगी।

बस्तर अब बदल रहा है। एक समय नक्सल भय से कांपता इलाका अब विकास और विश्वास की राह पर है। इसमें सबसे अहम भूमिका DRG की है, जिनकी वीरता आज पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुकी है।

 

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