नई दिल्ली। देश की प्रमुख समाचार एजेंसी ANI इन दिनों विवादों के घेरे में आ गई है। आरोप है कि वह यूट्यूब क्रिएटर्स पर कॉपीराइट स्ट्राइक डालकर उन्हें ब्लैकमेल कर रही है और फिर स्ट्राइक हटाने के नाम पर लाखों-करोड़ों रुपये की मांग कर रही है। इस खुलासे की शुरुआत यूट्यूबर मोहक मंगल ने की, जिन्होंने ANI पर 45 लाख रुपये प्लस जीएसटी की मांग करने का सनसनीखेज दावा किया है।
कॉपीराइट के नाम पर ‘फिरौती’ का खेल
मोहक मंगल को ANI से पहली कॉपीराइट स्ट्राइक 20 मई को उनके कोलकाता रेप केस पर बनाए गए एक वीडियो पर मिली, जिसमें ANI की सिर्फ 11 सेकंड की क्लिप इस्तेमाल हुई थी। कुछ समय बाद उनके दूसरे वीडियो “ऑपरेशन सिंदूर” पर भी स्ट्राइक लग गई, जिसमें 9 सेकंड की रक्षा मंत्री की क्लिप थी।
ANI ने मोहक मंगल से संपर्क कर स्ट्राइक्स हटाने के बदले 45 लाख रुपये + जीएसटी की डिमांड की, जिसे ‘एनुअल सब्सक्रिप्शन’ और ‘पेनल्टी’ बताया गया। जब क्रिएटर ने मोलभाव किया तो ANI कर्मचारी ने 40 लाख में दो साल की डील ऑफर कर दी, जैसे कोई सौदा हो रहा हो।
चैनल डिलीट करवाने की धमकी
यूट्यूब के नियमों के अनुसार अगर किसी चैनल को तीन कॉपीराइट स्ट्राइक मिल जाएं, तो चैनल तुरंत डिलीट कर दिया जाता है। मोहक का कहना है कि ANI के कर्मचारी ने कहा, “अभी तो दो स्ट्राइक हैं, छह और आएंगी।” यानी सीधे धमकी देकर ब्लैकमेल करने की रणनीति अपनाई गई।
अन्य क्रिएटर्स भी बने निशाना
मोहक अकेले नहीं हैं। ANI का यह ‘डिजिटल किडनैपिंग’ मॉडल पहले भी कई यूट्यूबर्स का चैनल डिलीट करवा चुका है।
एक क्रिएटर से 18 लाख रुपये की वसूली की गई।
एक अन्य को 50 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ा।
कई यूट्यूबर्स ने ANI की इस ‘हफ्ता वसूली’ को स्कैम कॉल सेंटर्स जैसा बताया है।
‘फेयर यूज़’ को नजरअंदाज करता ANI
फेयर यूज़ के तहत अगर कोई छोटी क्लिप न्यूज़, रिपोर्टिंग या कमेंट्री के लिए इस्तेमाल की जाए, तो वह कानूनी रूप से वैध मानी जाती है। लेकिन ANI इसे न मानते हुए सीधे स्ट्राइक डालकर पैसा वसूलने की कोशिश करता है।
यूट्यूबर्स का कहना है कि अगर बड़ी कंपनियां जैसे T-Series कोई क्लिप पकड़े, तो वे वीडियो को डी-मोनेटाइज करती हैं या उस पर रेवेन्यू क्लेम करती हैं। लेकिन ANI का तरीका अलग है—सीधे ब्लैकमेल।
सब्सक्रिप्शन खत्म होते ही पुरानी वीडियोज पर हमला
कई क्रिएटर्स ने बताया कि उन्होंने ANI की फुटेज का इस्तेमाल उसके सब्सक्रिप्शन के तहत किया था, लेकिन सब्सक्रिप्शन खत्म होते ही 2-3 साल पुराने वीडियोज पर भी स्ट्राइक मारी जा रही है। इससे साफ है कि ANI सिर्फ पैसे कमाने की नीयत से पुराने कंटेंट पर भी कार्रवाई कर रहा है।
डिजिटल बिरादरी में भारी विरोध
इस मामले में नितीश राजपूत, ठगेश, संडे सार्थक, कुनाल कामरा जैसे कई बड़े यूट्यूबर्स मोहक मंगल के समर्थन में सामने आए हैं। सोशल मीडिया पर #BanANI और #CopyrightScam जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे हैं।
सरकारी हस्तक्षेप की मांग
मोहक मंगल ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव, और PMO को ईमेल के माध्यम से इस मुद्दे की जानकारी दी है और सभी यूट्यूबर्स से भी अपील की है कि वे ANI के खिलाफ सबूत भेजें ताकि एक्शन लिया जा सके।
क्रिएटर्स की एकजुटता ही रास्ता
मोहक ने अपने फॉलोअर्स और अन्य यूट्यूब क्रिएटर्स से ANI को ब्लॉक और अनफॉलो करने की अपील की है। साथ ही सबूत इकट्ठा कर सरकार को भेजने की भी मांग की है। उन्होंने साफ किया कि यह किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं बल्कि एक गलत सिस्टम के खिलाफ लड़ाई है।
बड़ा सवाल: कानून कहां है?
यह मामला भारत में कॉपीराइट कानूनों और उनके दुरुपयोग की ओर गंभीर इशारा करता है। क्या कोई एजेंसी अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर डिजिटल क्रिएटर्स को धमका सकती है? क्या यूट्यूब को इन ब्लैकमेलिंग स्ट्रैटेजीज़ के खिलाफ सख्त नीति बनानी चाहिए?