भारत ने ऊर्जा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। अंडमान-निकोबार बेसिन के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का एक अत्यंत विशाल भंडार खोजा गया है। इस भंडार का अनुमानित मूल्य करीब 20 ट्रिलियन डॉलर आंका जा रहा है, जो दक्षिण अमेरिकी देश गुयाना के भंडार के बराबर माना जा रहा है।
इस खोज का श्रेय ONGC (ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन) और ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) को जाता है, जिन्होंने अत्याधुनिक तकनीक और विदेशी विशेषज्ञों की मदद से गहरे समुद्र में खुदाई की। शुरुआती सर्वेक्षणों में संकेत मिले थे कि यह क्षेत्र तेल और गैस भंडार के लिहाज से बेहद समृद्ध है।
अब तक भारत द्वारा 37 कुएं खोदे जा चुके हैं और तेल उत्पादन का पहला चरण सफलतापूर्वक शुरू कर दिया गया है। भारत सरकार ने इस परियोजना को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है ताकि उत्पादन को व्यवस्थित और नियंत्रित ढंग से बढ़ाया जा सके।
यह खोज भारत के लिए न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि रणनीतिक, ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक बड़ा कदम मानी जा रही है। यह उपलब्धि भारत को वैश्विक ऊर्जा बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगी और ‘मेक इन इंडिया’ तथा ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्यों को और मजबूती देगी।