ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली ‘आकाशतीर’ ने दुश्मनों के खिलाफ अपनी अद्भुत क्षमता का प्रदर्शन कर पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने इस सफलता को भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम कदम बताया है।
DRDO प्रमुख ने पीटीआई से बातचीत में कहा, “ऑपरेशन सिंदूर में ‘आकाशतीर’ प्रणाली ने शानदार प्रदर्शन किया है। मुझे विश्वास है कि इससे अन्य देशों की भी इस प्रणाली में रुचि बढ़ेगी।”
‘आकाशतीर’ एक आधुनिक, स्वदेशी वायु रक्षा नियंत्रण एवं रिपोर्टिंग प्रणाली है जो रडार, सेंसर और संचार प्रणालियों को एकीकृत कर विमान, ड्रोन और मिसाइल जैसे हवाई खतरों को पहचानने, ट्रैक करने और नष्ट करने की क्षमता रखती है। इसे मोबाइल और वाहन आधारित प्लेटफॉर्म पर तैनात किया जा सकता है, जिससे यह हर स्थिति में त्वरित कार्रवाई करने में सक्षम है।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान व पीओके स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर लक्षित कार्रवाई में ‘आकाशतीर’ ने प्रमुख भूमिका निभाई। DRDO प्रमुख के अनुसार, यह प्रणाली आने वाले वर्षों में भारत की वायु रक्षा संरचना की रीढ़ बनेगी।
समीर कामत ने भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की बात करते हुए कहा, “हमने एक अच्छा स्तर प्राप्त कर लिया है, लेकिन पूरी तरह आत्मनिर्भर बनने के लिए और कार्य करने की आवश्यकता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य का युद्ध पारंपरिक हथियारों और आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रोन, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मिश्रण से लड़ा जाएगा। हालांकि निकट भविष्य में पूरी तरह रोबोटिक युद्ध की संभावना नहीं है, लेकिन इसकी तैयारी अभी से शुरू होनी चाहिए।
डॉ. कामत ने नागपुर में मिसाइल, रॉकेट और ड्रोन निर्माण से जुड़ी इकाइयों का निरीक्षण करते हुए भारत की रक्षा तकनीक के उज्जवल भविष्य की आशा जताई।