उड़ान सपनों की, मंजिल मौत की: पिता ने मेहनत से पढ़ाया,लंदन नौकरी के लिए निकली पायल कभी नहीं लौटी

अहमदाबाद प्लेन क्रैश में हर परिवार के सपने और संघर्ष की दर्दनाक कहानियां सामने आ रही हैं। इन्हीं में से एक कहानी है पायल खटीक की, जिनके पिता ने रिक्शा चलाकर अपनी बेटी को पढ़ाया, बड़ा किया और विदेश में नौकरी करने का सपना देखा था। पायल पहली बार हवाई जहाज से लंदन जा रही थीं, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

गुरुवार दोपहर अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास हुए दर्दनाक प्लेन क्रैश में पायल की भी मौत हो गई। इस हादसे ने 274 जिंदगियां लील लीं और न जाने कितने परिवारों के सपने हमेशा के लिए अधूरे छोड़ दिए।

पिता की मेहनत और अधूरा सपना

पायल के पिता ने दिन-रात मेहनत करके अपनी बेटी को पढ़ाया। उनकी तमन्ना थी कि पायल विदेश जाकर एक अच्छी नौकरी करे, जिससे उनके संघर्षों का बोझ थोड़ा हल्का हो। लेकिन प्लेन क्रैश ने यह सपना पूरा होने से पहले ही तोड़ दिया। पायल लंदन में एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करने जा रही थीं, लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया।

हादसे में गईं कई मासूम जानें

इस प्लेन क्रैश में सिर्फ पायल ही नहीं, बल्कि कई परिवारों के सपने और इकलौते सहारे भी इस हादसे में खत्म हो गए। इसी में एक और दर्दनाक कहानी है फुटपाथ पर सो रहे नाबालिग आकाश की, जिसे प्लेन क्रैश से निकली आग की लपटों ने अपनी चपेट में ले लिया। आकाश की मौत भी इस हादसे का दर्दनाक पहलू है, जो अब कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।

हादसे में अब तक 274 की मौत

अहमदाबाद प्लेन क्रैश में मरने वालों की संख्या 274 हो चुकी है। हर परिवार के पास अपनी एक अलग, लेकिन बेहद दुखद कहानी है। पायल खटीक और आकाश जैसे मासूमों की कहानियां इस हादसे को और भी दिल दहला देने वाला बनाती हैं।

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