नई दिल्ली।
Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद में हाल ही में हुए विमान हादसे के बाद ब्लैक बॉक्स और डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर) को बरामद कर लिया गया है। ये दोनों डिवाइस किसी भी विमान दुर्घटना के असली कारणों को जानने के लिए बेहद जरूरी होते हैं। आइए जानते हैं कि ब्लैक बॉक्स और डीवीआर कैसे काम करते हैं और क्यों ये विमान दुर्घटनाओं की जांच में सबसे अहम भूमिका निभाते हैं।
ब्लैक बॉक्स का इतिहास
ब्लैक बॉक्स की अवधारणा 1953 में ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक डेविड वारेन द्वारा दी गई थी। उन्होंने कॉमेट नामक पहले जेट एयरलाइनर की दुर्घटनाओं की जांच करते समय पाया कि कॉकपिट की आवाजें रिकॉर्ड करना हादसों की असली वजह पता करने में मदद कर सकता है। वारेन ने 1956 में ब्लैक बॉक्स का पहला प्रोटोटाइप तैयार किया।
ब्लैक बॉक्स कैसे करता है काम?
ब्लैक बॉक्स में दो महत्वपूर्ण उपकरण होते हैं: कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR)।
- CVR: यह पायलट की बातचीत, इंजन की आवाज और रेडियो संपर्क रिकॉर्ड करता है।
- FDR: यह विमान की ऊंचाई, गति, दिशा, इंजन की स्थिति और महत्वपूर्ण तकनीकी डेटा संग्रह करता है।
इन आंकड़ों की मदद से हादसे के समय विमान के पूरे दृश्य को कंप्यूटर पर दोबारा जीवंत किया जा सकता है।
ब्लैक बॉक्स असल में कैसा दिखता है?
ब्लैक बॉक्स नाम के बावजूद, यह डिवाइस नारंगी रंग का होता है ताकि दुर्घटना स्थल पर इसे आसानी से खोजा जा सके। इसे बहुत ही मजबूत धातु से बनाया जाता है ताकि यह दुर्घटना के झटके, आग और पानी के दबाव को सह सके।
दुर्घटनाओं में ब्लैक बॉक्स की भूमिका
ब्लैक बॉक्स विमान की पूंछ में फिट किया जाता है, क्योंकि दुर्घटना में यह हिस्सा कम प्रभावित होता है। अगर विमान पानी में गिरता है, तो इसमें लगे बीकन 14,000 फीट गहराई तक सिग्नल भेजते हैं, जिससे इसे खोजा जा सके।
ब्लैक बॉक्स की सीमाएं
हालांकि ब्लैक बॉक्स काफी हद तक सटीक होता है, लेकिन हर बार यह पूरी जानकारी नहीं दे पाता। हाल ही में बैंकॉक से दक्षिण कोरिया जा रहे जेजू एयर के विमान हादसे में ब्लैक बॉक्स तो मिला, लेकिन दुर्घटना से ठीक पहले के महत्वपूर्ण डाटा को रिकवर नहीं किया जा सका।
डीवीआर क्यों है जरूरी?
डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) विमान में लगे सीसीटीवी सिस्टम की तरह होता है। यह यात्री केबिन और विमान के अंदर-बाहर की गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है। हादसे के समय DVR की फुटेज से भी जांच में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है।