भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक चौंकाने वाला मर्डर केस सामने आया है। पत्नी संगीता मीणा ने अपने प्रेमी आशीष पांडे के साथ मिलकर अपने पति धनराज मीणा की साजिश के तहत हत्या कर दी। पहले संगीता ने पति को नींद की गोलियां देकर बेहोश किया, फिर प्रेमी आशीष के साथ मिलकर हथौड़ी और डंडे से बेरहमी से मार डाला। हत्या के बाद दोनों शव कार में रखकर भोपाल की सड़कों पर घंटों घूमते रहे। जब लगा कि पुलिस उन्हें पकड़ लेगी, तो दोनों खुद कटारा हिल्स थाने पहुंचे और जुर्म कबूल कर लिया।
कैसे सामने आया पूरा मामला?
मामला तब शुरू हुआ जब संगीता मीणा खुद कटारा हिल्स थाने जाकर पति धनराज की गुमशुदगी दर्ज कराने पहुंची। पुलिस को संगीता की बातों पर शक हुआ और पूछताछ के दौरान मामला पलट गया। पुलिस ने संगीता को हिरासत में लिया, लेकिन संगीता लगातार खुद को निर्दोष बताती रही।
धनराज का पड़ोसी इंजीनियर आशीष पांडे जब थाने बुलाया गया, तो वह अपने दोस्त विकास के साथ थाने आया। लेकिन आशीष वापस नहीं लौटा। जब आशीष के परिवार वालों ने विकास से संपर्क किया, तो विकास थाने पहुंचा और पुलिस से आशीष के बारे में पूछताछ की।
असल कहानी थी कुछ और
पुलिस की गहन पूछताछ में सामने आया कि असल कहानी गुमशुदगी की नहीं, बल्कि सुनियोजित हत्या की थी। कोरोना काल के दौरान संगीता और पड़ोसी आशीष पांडे की नजदीकियां बढ़ गई थीं। धनराज खेती और बिजनेस के कारण अक्सर घर से बाहर रहते थे। इस दौरान संगीता और आशीष के बीच अवैध संबंध शुरू हो गए।
धनराज की भतीजी सरिता, जो उनके घर में रहती थी, उसने संगीता को आशीष से फोन पर बात करते हुए देख लिया था। जब उसने यह बात चाचा धनराज को बताई तो पति-पत्नी के बीच झगड़े शुरू हो गए। धनराज ने संगीता को आशीष से दूरी बनाने की चेतावनी दी थी, लेकिन संगीता आशीष को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी।
हत्या की पूरी प्लानिंग
संगीता और आशीष ने मिलकर हत्या की साजिश रची। आशीष ने संगीता को करीब 20 नींद की गोलियां लाकर दीं। 6 दिसंबर 2021 की रात 9 बजे संगीता ने पति के काढ़े में गोलियां मिला दीं। धनराज गहरी नींद में चला गया। इसके बाद संगीता ने अपने दोनों बच्चों को मौसी शोभा के साथ दूसरे कमरे में सुला दिया और दरवाजा बाहर से बंद कर दिया।
रात करीब 2 बजे आशीष अपनी पत्नी से झूठ बोलकर कि वह नाइट शिफ्ट पर जा रहा है, संगीता के घर पहुंचा। आशीष हथौड़ी और बोरा लेकर आया था। आशीष ने सोते हुए धनराज के सिर पर वार किया, जिससे धनराज खून में लथपथ हो गया। धनराज ने उठने की कोशिश की लेकिन संगीता और आशीष ने मिलकर उसका गला घोंट दिया।
शव कार में रखकर घुमते रहे
दोनों ने खून से सने कपड़े, चादर और तकिए को बोरे में भर दिया। धनराज के शव को कंबल में लपेटकर आशीष की कार की डिक्की में रख दिया। 7 दिसंबर 2021 की सुबह दोनों कोलार इलाके की ओर शव को ठिकाने लगाने निकले।
इसी दौरान धनराज के दोस्त अरविंद कुमार ने सुबह 8 बजे फोन किया। जब फोन नहीं उठा तो करीब 8:47 बजे धनराज के नंबर से अरविंद को व्हाट्सएप मैसेज आया: “गांव के कुछ लोग आए हैं, उनके साथ जा रहा हूं, शाम तक आता हूं।” यह मैसेज संगीता और आशीष ने मिलकर भेजा था ताकि अरविंद गुमराह हो जाए, लेकिन गलती ये हुई कि मैसेज अंग्रेजी में भेजा गया, जबकि धनराज अंग्रेजी में कभी बात नहीं करता था। यहीं से पुलिस को शक हो गया।
बच्चों और भतीजी को बहाना बनाकर निकली थी संगीता
संगीता घर से निकलने से पहले बेटे आयुष को परीक्षा देने भेजने का बहाना बनाकर घर से रवाना हुई थी। आयुष ने कहा था कि उसकी परीक्षा नहीं है, बहन की है, लेकिन संगीता ने उसे जल्दी जाने को कहा। इसके बाद संगीता और आशीष शव को ठिकाने लगाने निकले।
धनराज की भतीजी सरिता उस समय अपने भाई के एक्सीडेंट के कारण भाई के घर रुकी थी। 4 दिसंबर को संगीता ने खुद सरिता को कॉल कर कहा था कि वह भाई के घर कुछ दिन रुक जाए।
क्लोरोफॉर्म लाने की साजिश भी रची थी
इस दौरान आशीष ने भतीजी सरिता से यह भी कहा था कि अगर मेडिकल स्टोर में क्लोरोफॉर्म मिले तो ले आना, ताकि कॉलोनी के कुत्तों को बेहोश किया जा सके। बाद में आशीष ने क्लोरोफॉर्म मंगवाने का इरादा बदल दिया।
खुद थाने पहुंचकर गुनाह कबूला
जब पुलिस की दबिश बढ़ी तो आशीष और संगीता को लगा कि वे पकड़े जाएंगे। दोनों खुद कटारा हिल्स थाने पहुंचे और जुर्म कबूल कर लिया। कार की डिक्की में शव मिलने के बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
डीएनए रिपोर्ट और कोर्ट का फैसला
जांच में संगीता और आशीष के कपड़ों पर खून के निशान मिले। हत्या में इस्तेमाल की गई हथौड़ी और अन्य सबूत भी मिले। डीएनए रिपोर्ट ने पुष्टि कर दी कि दोनों मौके पर मौजूद थे।
7 जून 2024 को कोर्ट ने 105 पेज का फैसला सुनाते हुए दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि यह हत्या बेहद क्रूर तरीके से की गई है, ऐसे अपराध में दया की कोई गुंजाइश नहीं है।