भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज अब ‘तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी’ के नाम से जानी जाएगी। पहले यह ऐतिहासिक सीरीज ‘पटौदी ट्रॉफी’ के नाम से खेली जाती थी, जिसे इफ्तिखार अली खान पटौदी और मंसूर अली खान पटौदी की क्रिकेट विरासत के सम्मान में नामित किया गया था।
हाल ही में ईसीबी ने इस ट्रॉफी को रिटायर करने का सुझाव दिया था, लेकिन भारतीय दिग्गज सचिन तेंदुलकर ने इस पर आपत्ति जताई। सचिन का कहना है कि पटौदी परिवार की ऐतिहासिक विरासत को समाप्त करना सही नहीं है। उन्होंने बीसीसीआई और ईसीबी के अधिकारियों से बातचीत कर इस पर पुनर्विचार करने की अपील की।
पटौदी ट्रॉफी की विरासत रहेगी कायम
क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक, सचिन के हस्तक्षेप के बाद ईसीबी अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को तैयार हो गया है। ईसीबी के एक अधिकारी ने कहा कि इंग्लैंड-भारत टेस्ट सीरीज में पटौदी परिवार की पहचान को बचाए रखने की योजना तय कर ली गई है। संभावना है कि इस सीरीज के विजेता कप्तान को मंसूर अली खान पटौदी के नाम से एक विशेष पदक भी दिया जाएगा।
तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी लॉन्च में देरी
मूल रूप से यह ट्रॉफी 14 जून को लॉन्च होने वाली थी, लेकिन अब इसे फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। बीसीसीआई और ईसीबी ने आपसी सहमति से ट्रॉफी के अनावरण कार्यक्रम को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (2023-25) के फाइनल के बाद करने का निर्णय लिया है।
सचिन की इस पहल से क्रिकेट प्रेमी बेहद खुश हैं और सोशल मीडिया पर उनकी तारीफ कर रहे हैं। प्रशंसकों का कहना है कि क्रिकेट की परंपरा और इतिहास को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है।