प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में टेक्नोलॉजी के माध्यम से भारत ने सेवा, पारदर्शिता और जनसशक्तिकरण में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। आज ‘डिजिटल इंडिया’ आत्मनिर्भर भारत की पहचान बन चुका है।
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “टेक्नोलॉजी ने देश में सेवा वितरण और पारदर्शिता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। टेक्नोलॉजी आज देश के सबसे गरीब नागरिकों के जीवन में भी सशक्तिकरण का बड़ा माध्यम बन गई है।”
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से पारदर्शिता में क्रांति
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए अब तक 44 लाख करोड़ रुपये से अधिक सीधे 322 योजनाओं के लाभार्थियों तक पहुंचाए जा चुके हैं। टेक्नोलॉजी के कारण अब तक लगभग 3.48 लाख करोड़ रुपये की बचत लीकेज को रोक कर की गई है।
डिजिटल इनोवेशन में भारत का दबदबा
बीते 11 सालों में भारत ने ‘डिजिटल डेजर्ट’ से ‘डेटा-ड्रिवन डेमोक्रेसी’ की ओर कदम बढ़ाए हैं। भारत अब स्पेस टेक्नोलॉजी, डिजिटल पेमेंट्स, ग्रामीण कनेक्टिविटी और यूपीआई जैसे प्लेटफॉर्म्स में ग्लोबल लीडर बनकर उभरा है।
UPI ने मनी ट्रांसफर में लाया क्रांतिकारी बदलाव
आज भारत दुनिया का सबसे सस्ता मोबाइल डेटा देने वाला देश बन चुका है। देश में 94 करोड़ से अधिक ब्रॉडबैंड कनेक्शन और 120 करोड़ टेलीफोन सब्सक्राइबर हैं। 2014 में टेली-डेंसिटी 75% थी जो अब 2025 में 85% हो गई है। ISRO ने 393 विदेशी सैटेलाइट लॉन्च कर भारत की टेक्नोलॉजी क्षमताओं का लोहा पूरी दुनिया में मनवाया है।
गांव-गांव तक इंटरनेट की पहुंच
मोदी सरकार ने तकनीक का उपयोग सिर्फ प्लेटफॉर्म निर्माण में नहीं बल्कि शासन व्यवस्था को पारदर्शी, सहज और समावेशी बनाने में भी किया है। DBT के ट्रांजैक्शन में 10 वर्षों में 90 गुना की बढ़ोतरी हुई है। कोविन प्लेटफॉर्म, पासपोर्ट सेवा, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन और गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस जैसे इनोवेशन ने भारत में डिजिटल गवर्नेंस को नई दिशा दी है।