पाकिस्तान की ‘हूर’ और बस्तर की ‘रसभरी’ आमने-सामने: रायपुर में लगा स्वाद, साइज और सुगंध का महासंग्राम!

रायपुर। आम प्रेमियों के लिए एक अनोखा अनुभव लेकर आया है रायपुर का मैंगो फेस्टिवल, जहां स्वाद, आकार और खुशबू की दुनिया में लोगों ने डुबकी लगाई। खास बात ये रही कि इस प्रदर्शनी में पाकिस्तान से आई ‘हूर’ वैराइटी ने सबका ध्यान खींचा।

बस्तर की परंपरा और अफगानिस्तान की खुशबू एक साथ

फेस्टिवल में छत्तीसगढ़ के बस्तर, धमतरी, राजनांदगांव जैसे इलाकों के देसी आमों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और यहां तक कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान से लाई गई दुर्लभ वैराइटीज़ भी शामिल की गई हैं।

छोटे से लेकर विशाल आम तक

प्रदर्शनी में सबसे छोटे आम की लंबाई महज 2 इंच तो सबसे बड़े आम की लंबाई 15 इंच तक रही। कुछ आमों का वज़न 1.5 किलो से भी ज़्यादा था। ‘नूरजहां’, ‘सिंदूरी’, ‘हुस्नआरा’, ‘राजापुरी’, ‘केसर’, ‘लंगड़ा’, ‘तोतापरी’, ‘हिमसागर’ और ‘बंबैया’ जैसे किस्मों ने लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया।

हूर’ बनी आकर्षण का केंद्र

इस बार सबसे ज्यादा चर्चा पाकिस्तान की किस्म ‘हूर’ की रही, जिसकी मिठास और खुशबू ने दर्शकों को दीवाना बना दिया। आयोजकों के मुताबिक, ये किस्म भारत में दुर्लभ है और पहली बार इस तरह किसी फेस्टिवल में देखने को मिली।

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