राजधानी रायपुर में बच्चों को निःशुल्क दी जाने वाली पाठ्यपुस्तकों को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया है। सरकार के ‘निःशुल्क पाठ्यपुस्तक वितरण कार्यक्रम’ के तहत हर साल लाखों बच्चों को मुफ्त किताबें दी जाती हैं। इस योजना के चलते सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि भी हुई है।
लेकिन इस सफलता की आड़ में अब शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही और भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। जांच में सामने आया है कि लाखों रुपए की नई किताबें, जो बच्चों को पढ़ाई के लिए दी जानी थीं, उन्हें कबाड़ में बेच दिया गया।
यह मामला रायपुर विधानसभा क्षेत्र में स्थित बनारसी ढाबा के पास एक कबाड़ी दुकान में पकड़ में आया। वहां बड़ी मात्रा में स्कूल की किताबें पाई गईं, जो बिल्कुल नई थीं।
स्थानीय लोगों की सूचना पर जब टीम मौके पर पहुंची तो वहां किताबों का अंबार मिला। माना जा रहा है कि ये किताबें स्कूलों तक पहुंचने से पहले ही कबाड़ में बेच दी गईं। इससे स्पष्ट है कि बच्चों की शिक्षा के साथ बड़ा खिलवाड़ किया गया है।