नई दिशा की ओर: बोधघाट और इंद्रावती-महानदी नदी जोड़ो परियोजनाएं होंगी राष्ट्रीय मिशन का हिस्सा

छत्तीसगढ़ में विकास की नई धारा बहाने की तैयारी ज़ोरों पर है। लंबे समय से रुकी पड़ी बोधघाट परियोजना और महत्वाकांक्षी इंद्रावती-महानदी नदी जोड़ो परियोजना को केंद्र सरकार ने सैद्धांतिक मंजूरी का संकेत दे दिया है। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को दोनों योजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का भरोसा दिलाया है।

👉 क्यों खास हैं ये दोनों योजनाएं?

इंद्रावती-महानदी जोड़ो परियोजना: 8 छोटी नदियों को जोड़कर 3 जिलों की 50,000 हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया जाएगा।

कुल अनुमानित लागत: ₹20,000 करोड़

बोधघाट परियोजना: 29,000 करोड़ की लागत से 3.78 लाख हेक्टेयर सिंचाई, 125 मेगावॉट बिजली और 4,824 गांवों को मिलेगा सीधा लाभ।

🧠 बोधघाट – 1980 से रुका सपना अब होगा साकार?

इस परियोजना को नक्सल समस्या के चलते दशकों से रोक दिया गया था। लेकिन अब राज्य सरकार ने इसे फिर से केंद्र में लाने की पूरी तैयारी कर ली है। यह क्षेत्र विकास की अंधेरी गुफा से निकल कर उजाले की ओर बढ़ेगा।

📌 क्या होगा लाभ?

सालाना सिंचाई क्षमता में ज़बरदस्त बढ़ोतरी

आदिवासी बहुल क्षेत्र में रोज़गार और बुनियादी ढांचे का विस्तार

जल संकटग्रस्त इलाकों को मिलेगा स्थायी समाधान

📊 कुछ रोचक आँकड़े

| योजना | लाभ।

| बोधघाट | 29,000 करोड़ की लागत, 4,824 गांवों को लाभ |

| इंद्रावती-महानदी लिंक | 8 नदियों को जोड़कर 50,000 हेक्टेयर सिंचाई |

| बिजली उत्पादन | 125 मेगावॉट |

| खेती का क्षेत्र | 3.78 लाख हेक्टेयर |

| लाभान्वित जिले | दंतेवाड़ा, सुकमा बीजापुर, कांकेर, नारायणपुर |

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