नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में संगठनात्मक पुनर्गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा वर्तमान में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, जिनका कार्यकाल 2024 के लोकसभा चुनावों तक बढ़ाया गया था। अब जबकि आम चुनाव संपन्न हो चुके हैं, भाजपा नेतृत्व में बदलाव की संभावना प्रबल हो गई है।
सूत्रों के मुताबिक, जून के दूसरे सप्ताह में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की अधिसूचना जारी की जा सकती है। इससे पहले राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरे किए जा रहे हैं। अधिकांश राज्यों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, और उत्तर प्रदेश में जिला अध्यक्षों की घोषणा के बाद उम्मीद बढ़ गई है कि जल्द ही केंद्रीय नेतृत्व का भी चुनाव होगा।
कौन होगा अगला भाजपा अध्यक्ष?
धर्मेंद्र प्रधान, शिवराज सिंह चौहान, और मनोहर लाल खट्टर जैसे दिग्गज नेताओं के नाम चर्चा में हैं। इनमें से कुछ नेताओं को संगठनात्मक अनुभव के आधार पर मजबूत माना जा रहा है, जबकि कुछ नाम राजनीतिक संतुलन और सामाजिक प्रतिनिधित्व के लिहाज़ से सामने लाए जा रहे हैं।
जहां उत्तराखंड में ब्राह्मण चेहरे को तरजीह दी जा रही है, वहीं उत्तर प्रदेश में पिछड़े वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष की मांग तेज हो गई है। मध्य प्रदेश में पार्टी आदिवासी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है, जिससे जनजातीय प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके।
क्या नड्डा दोबारा अध्यक्ष बनेंगे?
हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि जे. पी. नड्डा दोबारा अध्यक्ष पद की दौड़ में होंगे या पार्टी कोई नया चेहरा सामने लाएगी, लेकिन यह चुनाव भाजपा की भावी रणनीति के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। नया अध्यक्ष 2026 के विधानसभा चुनावों और 2029 के लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति तैयार करेगा।
विपक्ष की पैनी नजर
इस संगठनात्मक बदलाव पर सिर्फ भाजपा कार्यकर्ताओं की ही नहीं, बल्कि विपक्षी दलों की भी बारीक नजर बनी हुई है। नए अध्यक्ष के जरिए भाजपा अपनी संगठनात्मक दिशा और प्राथमिकताएं तय करेगी, जिससे भारतीय राजनीति की धारा भी प्रभावित हो सकती है।