रायपुर (छत्तीसगढ़): राजधानी रायपुर के बहुचर्चित और कुख्यात अपराधियों में शामिल रोहित तोमर और वीरेंद्र तोमर उर्फ रूबी सिंह एक बार फिर पुलिस और प्रशासन की नजरों में आ गए हैं। ‘गोल्डमैन ब्रदर्स’ के नाम से मशहूर इन दोनों भाइयों के खिलाफ अब तक जबरन वसूली, सूदखोरी, अपहरण, ब्लैकमेलिंग, धमकी और गोली चलाने जैसे 12 से अधिक गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।
कई बार जेल की सलाखों के पीछे समय बिता चुके इन भाइयों पर आरोप है कि वे एक बार फिर अवैध गतिविधियों में सक्रिय हो चुके हैं।
कैसे बने सूदखोरी के बादशाह?
सूत्रों के मुताबिक, रोहित और वीरेंद्र का असली धंधा अवैध रूप से लोगों को पैसे उधार देना है। इनके पास कोई भी वित्तीय लाइसेंस नहीं है, फिर भी ये जरूरतमंद और मजबूर लोगों को 15% से 20% की ऊँची ब्याज दरों पर कर्ज देते हैं।
यह कर्ज इतना भारी होता है कि लोग सालों तक मूलधन भी नहीं चुका पाते और अंत में अपनी जमीन-जायदाद तक गंवा बैठते हैं। इस धंधे से इनके पास लाखों का सोना, लग्ज़री गाड़ियाँ, और भाटागांव जैसे इलाकों में आलीशान हवेलियाँ खड़ी हो गई हैं।
‘गोल्डमैन’ की चकाचौंध के पीछे काली सच्चाई
शहर में लोग इन्हें ‘गोल्डमैन’ इसलिए कहते हैं क्योंकि ये अकसर भारी मात्रा में सोने के गहनों से लदे हुए रहते हैं। इनके साथ हमेशा निजी बॉडीगार्ड्स का काफिला रहता है, और ये पूरी ठाठ-बाट से चलते हैं, जैसे किसी माफिया डॉन की जिंदगी हो।
इन पर जमीन कब्जाने, धमकी देने, और हथियारों के बल पर प्रॉपर्टी हथियाने जैसे संगीन आरोप भी दर्ज हैं। कई इलाकों में इनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन तक हो चुके हैं, लेकिन डर और प्रभाव के कारण लोग खुलकर बोलने से कतराते हैं।
पुलिस और प्रशासन पर उठते सवाल
इतनी लंबी आपराधिक सूची के बावजूद भी ये दोनों खुलेआम घूमते हैं और अपने धंधे को बेधड़क चला रहे हैं। इससे आम जनता में पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर नाराज़गी भी देखी जा रही है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर किसके संरक्षण में चल रहा है यह ‘गोल्डमैन नेटवर्क’?
अब क्या होगा?
खबर है कि पुलिस ने एक बार फिर से इनकी गतिविधियों पर निगरानी बढ़ा दी है और जल्द ही इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है। प्रशासन भी अब इनके खिलाफ मजबूत सबूतों के आधार पर केस तैयार करने में जुटा है।