14 साल की प्रतीक्षा के बाद भी अधूरी: रायपुर मेट्रो कब दौड़ेगी धरातल पर?

रायपुर।

राजधानी रायपुर में मेट्रो सेवा शुरू करने का सपना 2011 में देखा गया था। लेकिन आज 2025 में भी यह परियोजना कागज़ों में ही उलझी हुई है। बीते 14 वर्षों में कई घोषणाएं हुईं, रिपोर्टें बनीं और सर्वे कराए गए, लेकिन ज़मीनी स्तर पर मेट्रो का एक भी खंभा नहीं खड़ा हो सका।

इस परियोजना के तहत रायपुर से राजनांदगांव तक लगभग 90 किलोमीटर की मेट्रो लाइन प्रस्तावित थी, जिसकी अनुमानित लागत ₹18,000 करोड़ थी। 2014 में Detailed Project Report (DPR) पर ₹5 करोड़ खर्च किए गए, लेकिन उसके बाद से योजना ठप पड़ी है।

 अब तक क्या हुआ?

घटक स्थिति

योजना वर्ष 2011

लंबाई 90 किमी

कुल लागत ₹18,000 करोड़ (अनुमानित)

DPR खर्च ₹5 करोड़

स्टेशन 25+ प्रस्तावित

निर्माण की स्थिति शून्य

मेट्रो क्यों है जरूरी?

रायपुर और भिलाई जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में तेज़ और सुविधाजनक यात्रा

बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण

वायु प्रदूषण में कमी

भविष्य के शहरी विस्तार को समर्थन

रोज़गार सृजन और तकनीकी विकास का माध्यम

क्या हैं रुकावटें?

राजनीतिक प्राथमिकता की कमी

बजट स्वीकृति में देरी

केंद्र और राज्य के बीच सहयोग की कमी

जनता से जुड़ी योजनाओं को स्थगित करने की प्रवृत्ति

अब भी मौका है

विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि वर्तमान सरकार इस योजना को गंभीरता से ले और फेजवाइज कार्य शुरू करे, तो 2026 से पहले निर्माण शुरू किया जा सकता है। अन्य राज्यों की तरह यदि इच्छाशक्ति और निवेश सुनिश्चित हो, तो रायपुर भी शीघ्र ही मेट्रो नेटवर्क से जुड़ सकता है।

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