क्या देशसेवा पर सवाल उठाना ज़रूरी है? सलमान खुर्शीद ने उठाया मुद्दा

नई दिल्ली।

‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत भारत के समर्थन में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आवाज़ उठाने के लिए गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने सोमवार को राजनीतिक आलोचनाओं पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा:

“क्या देशसेवक होना आज के दौर में इतनी कठिन चुनौती बन गया है?”

खुर्शीद का यह बयान ऐसे समय आया जब कांग्रेस सांसद शशि थरूर और अन्य नेताओं की विदेश यात्रा को लेकर भाजपा व अन्य दलों द्वारा आलोचना की जा रही है। भाजपा ने थरूर को ‘सुपर प्रवक्ता’ की संज्ञा दी, जिससे कांग्रेस के भीतर भी असहजता पैदा हो गई है।

पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि उन्होंने, थरूर और अन्य नेताओं ने भारत का पक्ष मजबूती से रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र, इंडोनेशिया और मलेशिया में विभिन्न बैठकों में हिस्सा लिया। यह प्रयास वैश्विक समुदाय को भारत का दृष्टिकोण बताने के लिए था, लेकिन अब इसे संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि राजनीतिक भिन्नता का सम्मान होना चाहिए, लेकिन देशप्रेम पर सवाल उठाना दुर्भाग्यपूर्ण है।

“हम लोग राष्ट्रहित के लिए काम कर रहे हैं, फिर भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।”

शाहजाद पूनावाला ने खुर्शीद के बयान पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि कांग्रेस और उसके नेता देशहित के मुद्दों को राजनीतिक चश्मे से देख रहे हैं। उन्होंने थरूर और मनीष तिवारी की टिप्पणियों के हवाले से कहा कि कांग्रेस का दृष्टिकोण दोहरा है।

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