स्मार्ट सिटी मिशन के तहत रायपुर में चल रहे सौंदर्यीकरण कार्यों में भारी अनियमितताएं सामने आई हैं। लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत से शुरू किए गए प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं, और कई ठेकेदार काम अधूरा छोड़कर गायब हो गए हैं।
अधूरे प्रोजेक्ट और गायब ठेकेदार
रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा सौंदर्यीकरण के लिए विभिन्न प्रोजेक्ट्स शुरू किए गए थे, जिनमें मूर्तियों की पेंटिंग, चौराहों का सौंदर्यीकरण और अन्य कार्य शामिल थे। हालांकि, कई स्थानों पर कार्य अधूरा छोड़ दिया गया है, और ठेकेदारों से संपर्क नहीं हो पा रहा है।
10 करोड़ रुपये का सवाल
इन अधूरे प्रोजेक्ट्स पर लगभग 10 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। जनता और विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं कि जब काम पूरा नहीं हुआ, तो यह राशि कहां गई?
सरकारी जवाबदेही पर सवाल
विपक्षी नेताओं ने सरकार से जवाबदेही की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा, “यह स्मार्ट सिटी नहीं, स्मार्ट घोटाला है। जनता के पैसे का दुरुपयोग हुआ है।”
जनता की नाराजगी
स्थानीय नागरिकों ने भी नाराजगी जताई है। एक निवासी ने कहा, “हमने सोचा था कि स्मार्ट सिटी से शहर सुंदर बनेगा, लेकिन अब यह योजना ही अधूरीरह गई है।”