तीनों डोज लेने के बावजूद कोरोना से संक्रमण की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि टीकाकरण गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम को काफी हद तक कम कर देता है।
तीनों डोज वाले भी संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं
ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट्स (NB.1.8.1 और LF.7) से बढ़ रही चिंता
एंटीबॉडी मेमोरी सेल्स गंभीर बीमारी से बचाने में सहायक
65 वर्ष से अधिक या कोमोरबिडिटी वालों को नई वैक्सीन की सिफारिश
कोरोना वायरस एक बार फिर वैश्विक स्तर पर चिंता का कारण बना है। हांगकांग और सिंगापुर से शुरू हुआ ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट्स का यह नया फैलाव अब भारत और अमेरिका सहित कई देशों में फैल चुका है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, यह वैरिएंट संक्रमण फैलाने में अधिक सक्षम है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि टीकाकरण अब भी सबसे प्रभावी सुरक्षा उपाय है।
मुंबई के एक निजी अस्पताल में आईसीयू विशेषज्ञ डॉ. निरंजन अस्थाना कहते हैं, “जो लोग वैक्सीन की तीनों डोज ले चुके हैं, उनमें संक्रमण की संभावना तो हो सकती है, पर गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा बहुत कम रहता है।”
डॉ. अस्थाना के अनुसार, “टीकाकरण के बाद शरीर में बनी मेमोरी बी सेल्स समय के साथ वायरस को पहचानती हैं और शरीर को गंभीर प्रभावों से बचाने में मदद करती हैं।”
क्या वैक्सीनेटेड लोग पूरी तरह सुरक्षित हैं?
तीनों डोज लेने वालों में संक्रमण होने की संभावना कम होती है, पर यह संभावना पूरी तरह खत्म नहीं होती। विशेषज्ञ कहते हैं, “कोई भी वैक्सीन संक्रमण से शत-प्रतिशत सुरक्षा नहीं देती, लेकिन बीमारी की गंभीरता को जरूर घटाती है।”
नए वैरिएंट्स के लिए नई वैक्सीन
ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट्स को ध्यान में रखते हुए अपडेटेड वैक्सीन तैयार की गई है। अमेरिकी FDA ने हाल ही में नोवावैक्स की ‘नुवैक्सोविड’ वैक्सीन को मंजूरी दी है। यह टीका 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और उन व्यक्तियों को दिया जाएगा जिन्हें कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या है।
तीनों डोज लेने के बाद भी सतर्कता जरूरी है। मास्क पहनना, भीड़ से बचना और हाथ धोते रहना अब भी जरूरी उपाय हैं। वैक्सीनेशन आपको गंभीर स्थिति से जरूर बचाता है, लेकिन पूरी तरह संक्रमण से नहीं।