IIT-BHU के वैज्ञानिकों ने एक नवीन तकनीक का विकास किया है जो बिना इंटरनेट के भी संदेश और तस्वीरों को दूरस्थ क्षेत्रों तक भेजने में सक्षम है। इस तकनीक का नाम ‘स्वतंत्र स्व-संचालित ट्रांसमिशन प्रणाली (SSTM)’ रखा गया है। यह प्रणाली खास तरह के ड्रोन और संचार उपकरणों के सहयोग से काम करती है, जो आपस में समन्वय बनाकर नेटवर्क तैयार करते हैं और डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाते हैं।
कैसे काम करता है यह सिस्टम:
इस परियोजना का नेतृत्व कंप्यूटर विज्ञान विभाग के डॉ. हरि प्रभात गुप्ता द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि इन ड्रोन में नेटवर्किंग की क्षमता है जिससे वे एक जाल की तरह जुड़ जाते हैं और स्वयं ही रास्ता तय कर जानकारी को गंतव्य तक पहुंचाते हैं। इसका सफल परीक्षण कठिन इलाकों जैसे जंगलों, पहाड़ी क्षेत्रों और सीमावर्ती इलाकों में किया गया है जहाँ संचार माध्यम उपलब्ध नहीं होते।
सेना और आपदा प्रबंधन में उपयोगी:
यह प्रणाली सेना, बॉर्डर सुरक्षा, आपातकालीन राहत, और ग्रामीण व दूरदराज इलाकों के लिए विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध हो सकती है। आने वाले समय में इसमें AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) और एन्क्रिप्शन तकनीकों को जोड़कर इसे और अधिक सुरक्षित और स्मार्ट बनाया जाएगा।
परियोजना को मिला अंतरराष्ट्रीय सहयोग:
यह प्रोजेक्ट TII-UAE, IDAPT-Hub Foundation और SERB के सहयोग से पूरा हुआ है। IIT-BHU के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने इस उपलब्धि पर टीम को बधाई दी और कहा कि संस्थान आगे भी ऐसी नवाचारों को बढ़ावा देता रहेगा।