बलूचिस्तान, पाकिस्तान – पाकिस्तान के संकटग्रस्त बलूचिस्तान प्रांत में एक साहसी पत्रकार अब्दुल लतीफ बलोच की निर्मम हत्या ने पूरे मीडिया जगत को झकझोर दिया है। शनिवार को अवारन जिले के मश्कय क्षेत्र में बंदूकधारियों ने उनके घर में घुसकर उन्हें अगवा करने की कोशिश की। विरोध करने पर उन्हें गोली मार दी गई।
पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) दानियाल काकर के मुताबिक, हथियारबंद लोग जबरन घर में घुसे और पत्रकार लतीफ को जबरन ले जाना चाहते थे। जब लतीफ ने इसका विरोध किया तो उन्हें गोली मार दी गई, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हमलावर घटनास्थल से फरार हो गए।
कुछ महीने पहले उनके बेटे का भी अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। इस हृदयविदारक घटना ने पत्रकार सुरक्षा पर फिर से गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अब्दुल लतीफ बलोच क्वेटा के प्रमुख उर्दू दैनिक “डेली इंतिखाब” से जुड़े हुए थे। वे अपनी निडर रिपोर्टिंग के लिए प्रसिद्ध थे, खासकर मानवाधिकार हनन और बलोच नागरिकों पर अत्याचार को उजागर करने के लिएपत्रकार संगठनों का विरोध और सरकार पर सवाल
पाकिस्तान फेडरल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (PFUJ) और अन्य कई मीडिया संगठनों ने हत्या की कड़ी निंदा की है। बलूच यकजेहती समिति (BYC) ने पत्रकार की हत्या के लिए सरकारी समर्थन प्राप्त मिलिशिया को जिम्मेदार ठहराया है। समिति का कहना है कि अब्दुल लतीफ को उनकी पत्नी और बच्चों के सामने गोली मारी गई, जोकि बेहद अमानवीय कृत्य है।
निडर पत्रकारिता की मिसाल थे लतीफ
अब्दुल लतीफ बलोच को बलूचिस्तान में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों को बेखौफ तरीके से सामने लाने के लिए जाना जाता था। उन्होंने जिन पीड़ितों की आवाज उठाई, वे अक्सर पाकिस्तान की सैन्य कार्रवाइयों के कारण प्रभावित हुए थे। उनकी पत्रकारिता ने न सिर्फ़ स्थानीय नागरिकों को सशक्त किया बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों तक बलूचिस्तान की पीड़ा को पहुँचाया।