छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में एक बड़ा कृषि घोटाला सामने आया है, जहां 20 करोड़ रुपये से अधिक का अमानक पोटाश खाद किसानों को ‘उपज ब्रांड’ के नाम पर बांटा गया। विभागीय रोक के बावजूद इस नकली खाद का वितरण जारी रहा। प्रारंभिक जांच में कई वित्तीय अनियमितताओं की आशंका जताई गई है।
जानकारी के अनुसार, यह खाद राज्य के पहले एथेनॉल संयंत्र में उप-उत्पाद (बाय-प्रोडक्ट) के रूप में तैयार की गई थी, जो तकनीकी मानकों पर खरी नहीं उतरी। इसके बावजूद इसे ‘उपज ब्रांड’ के नाम पर पंजीकृत कर बाजार में उतारने की कोशिश की गई।
सूत्रों का कहना है कि यह अमानक खाद कवर्धा जिले के किसानों को बड़े पैमाने पर वितरित की गई। प्रयोगशाला जांच में पाया गया कि खाद में नमी का स्तर तय मानकों से अधिक था और पोटाश की मात्रा निर्धारित अनुपात में नहीं थी।
इस पूरे मामले की रिपोर्ट कृषि विभाग को भेज दी गई है, जबकि संबंधित निजी कंपनी और विभागीय अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। जिला स्तर पर जांच शुरू हो चुकी है, और उच्च अधिकारियों ने सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं।
किसानों के साथ धोखा:
किसानों को उम्मीद थी कि ‘उपज ब्रांड’ की खाद उनकी फसलों की पैदावार बढ़ाएगी, लेकिन अमानक गुणवत्ता के कारण न सिर्फ उनकी फसलें प्रभावित हुईं, बल्कि उन्हें भारी आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा।
अब आगे क्या?
जिला प्रशासन ने वितरण पर फिलहाल रोक लगा दी है। जांच के बाद दोषियों पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। किसानों से अपील की गई है कि वे संदिग्ध खाद का उपयोग न करें और तुरंत इसकी सूचना कृषि विभाग को दें।