उत्तर कोरिया द्वारा हाल ही में लॉन्च किया गया दूसरा नौसैनिक विध्वंसक अपने जलावतरण (पानी में उतारने) के दौरान तकनीकी विफलता की वजह से क्षतिग्रस्त हो गया। यह घटना देश के पूर्वोत्तर बंदरगाह चोंगजिन में घटी, जहां उत्तर कोरियाई सर्वोच्च नेता किम जोंग उन स्वयं मौजूद थे। सरकारी मीडिया एजेंसी केसीएनए ने गुरुवार को इस असफल प्रयास की पुष्टि की।
जानकारों का मानना है कि यह घटना किम जोंग उन के लिए रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से शर्मनाक है, क्योंकि वे लगातार नौसेना के आधुनिकीकरण पर बल देते आए हैं। हालांकि, उत्तर कोरिया जैसे गोपनीय देश द्वारा सार्वजनिक रूप से ऐसी असफलता स्वीकार करना असामान्य माना जाता है, जो यह दर्शाता है कि किम इस परियोजना को लेकर अत्यंत गंभीर हैं।
केसीएनए की रिपोर्ट के अनुसार, 5,000 टन वजनी यह नया विध्वंसक पोत पानी में उतारने के समय असंतुलित हो गया और उसके निचले हिस्से में छेद हो गया। इसका कारण पिछला क्रैडल (supporting structure) खिसक कर अटक जाना बताया गया है।
घटना के बाद किम जोंग उन ने सैन्य अधिकारियों, वैज्ञानिकों और शिपयार्ड कर्मियों को कड़ी फटकार लगाई और इसे “गंभीर दुर्घटना एवं आपराधिक लापरवाही” करार दिया। उन्होंने इसे गैर-जिम्मेदाराना रवैये और वैज्ञानिक अनुशासन की कमी से जुड़ा बताया। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी की आगामी बैठक में इस त्रुटि के लिए जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।
सियोल स्थित हानयांग विश्वविद्यालय के नौसैनिक विशेषज्ञ मून क्यून-सिक ने इसे “राष्ट्रीय शर्मिंदगी” बताया, लेकिन साथ ही यह भी जोड़ा कि इसका खुलासा इस बात का संकेत है कि उत्तर कोरिया अपनी समुद्री ताकत को और विकसित करने को लेकर प्रतिबद्ध है।
संभावना जताई जा रही है कि यह जहाज उसी तरह के पहले विध्वंसक का अगला संस्करण है, जिसे अप्रैल में लॉन्च किया गया था और जिसे उत्तर कोरिया का अब तक का सबसे उन्नत युद्धपोत माना गया है। किम ने पहले जहाज को परमाणु शक्ति विस्तार की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि बताया था।