राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विवादित आयात शुल्क (टैरिफ) नीति के खिलाफ अमेरिका के 12 राज्यों ने कानूनी जंग छेड़ दी है। इन राज्यों ने न्यूयॉर्क स्थित यूएस कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड में याचिका दाखिल कर ट्रंप पर अधिकारों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि ट्रंप ने 1977 के इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट (IEEPA) का गलत इस्तेमाल कर मनमाने तरीके से टैरिफ लागू किए। उनका दावा है कि व्यापार घाटे को आपात स्थिति बताकर राष्ट्रपति ने आर्थिक नीति को अपने अधीन कर लिया है, जिससे न केवल व्यापारिक अस्थिरता फैली है, बल्कि संघीय ढांचे पर भी असर पड़ा है।
बता दें, ट्रंप ने हाल ही में 10% से लेकर 50% तक के आयात शुल्क चीन, मैक्सिको और कनाडा जैसे देशों पर लगाए थे। प्रशासन का तर्क था कि इससे अवैध आव्रजन और ड्रग्स की तस्करी पर रोक लगेगी।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान ट्रंप प्रशासन की ओर से सहायक अटॉर्नी जनरल ब्रेट शुमेट ने दलील दी कि टैरिफ को लेकर वैधता पर फैसला अदालत नहीं, बल्कि कांग्रेस को करना चाहिए। वहीं, न्यायाधीश जेन रेस्टानी ने सवाल उठाया कि क्या राष्ट्रपति की कोई भी आपात घोषणा कोर्ट के दायरे से बाहर होनी चाहिए?
याचिका में शामिल राज्यों में एरिज़ोना, कोलोराडो, कनेक्टिकट, डेलावेयर, इलिनॉय, मेन, मिनेसोटा, नेवादा, न्यू मैक्सिको, न्यूयॉर्क, ओरेगन और वर्मोंट शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला अंततः सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच सकता है और इसका असर भविष्य की व्यापार नीतियों पर पड़ेगा।