अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से यह दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में उत्पन्न सैन्य तनाव को उन्होंने अपनी कूटनीतिक और व्यापारिक रणनीति से हल किया। व्हाइट हाउस में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा से मुलाकात के दौरान ट्रंप ने कहा, “हमने पाकिस्तान और भारत के साथ जो किया, वह अद्भुत था। मेरा मानना है कि व्यापार के जरिए ही मामला सुलझाया गया।”
दोनों देशों के नेताओं से संपर्क का दावा
ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के शीर्ष नेताओं से सीधे बात की। उन्होंने कहा, “पीएम मोदी मेरे अच्छे मित्र हैं और पाकिस्तान में भी अच्छे नेता हैं। किसी को तो पहल करनी ही थी कि गोलीबारी रुके।”
दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति रामाफोसा ने इस पर कहा कि पीएम मोदी हमारे साझा मित्र हैं।
पहले भी ले चुके हैं क्रेडिट
यह पहला मौका नहीं है जब ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान तनाव में मध्यस्थता का दावा किया है। इससे पहले भी उन्होंने सोशल मीडिया पर दोनों देशों के बीच शांति कायम करने में भूमिका निभाने का दावा किया था, हालांकि आधिकारिक पुष्टि भारत या पाकिस्तान की ओर से नहीं हुई।
पूर्व NSA का तंज
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन ने ट्रंप की इस बयानबाज़ी पर तंज कसते हुए कहा, “ट्रंप को हर चीज़ का श्रेय लेने की आदत है। यह भारत के खिलाफ कुछ नहीं है, बल्कि ट्रंप की शैली ही ऐसी है।”
भारत-पाक संघर्ष की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला किया। जवाब में पाकिस्तान ने 8 से 10 मई तक भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जिसका भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
लगातार चार दिन चले इस सैन्य तनाव के बाद 10 मई को दोनों देशों ने पूर्ण और तत्काल संघर्ष विराम पर सहमति जताई। इसी दिन ट्रंप ने दावा किया कि यह समझौता अमेरिकी मध्यस्थता की सफलता है।