रायपुर में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों की मदद करने में कांग्रेस नेता का नाम सामने आने से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। ईटीएस (इंटेलिजेंस ट्रैकिंग सिस्टम) की जांच में यह तथ्य उजागर हुआ कि नगर निगम के पूर्व पार्षद अमित दास ने घुसपैठियों को स्थानीय निवासी बताकर फर्जी प्रमाणपत्र बनवाए।जानकारी के अनुसार, तीन बांग्लादेशी भाई—शेख अकबर, मोहम्मद इस्माइल और शेख साजन—पर स्थानीय पते पर राशन कार्ड, आधार और अन्य सरकारी कागजात बनवाए गए। आशंका है कि इन फर्जी दस्तावेजों की मदद से उन्होंने मतदाता सूची में भी नाम दर्ज करा लिया था। जांच में यह भी सामने आया कि जब ये तीनों दस्तावेज बनवा रहे थे, उस समय ये उस क्षेत्र के निवासी ही नहीं थे।ईटीएस ने इस पूरे नेटवर्क की कड़ी जोड़ते हुए पूर्व पार्षद अमित दास से पूछताछ की। आरोप है कि दास ने फर्जी पहचान पत्रों को वैध करवाने में सक्रिय भूमिका निभाई। पुलिस ने बताया कि जल्द ही अन्य संदिग्धों की भी गिरफ्तारी हो सकती है।फिलहाल तीनों बांग्लादेशी जेल में बंद हैं और इनके खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। टीम को 1,000 से अधिक संदिग्धों की सूची मिली है, जिनमें से कई के तार इसी गिरोह से जुड़ सकते हैं।