भारतीय थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर जॉइंट वारफेयर स्टडीज’ से जुड़े एक विशेषज्ञ ने एक बड़ा खुलासा किया है कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान चीन ने पाकिस्तान को सैन्य और खुफिया मदद दी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने पाकिस्तान को न केवल एयर डिफेंस सिस्टम उपलब्ध कराया, बल्कि उपग्रहों के माध्यम से रडार और रक्षा प्रणाली को फिर से तैनात करने में भी मदद की।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद, जब भारत पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की योजना बना रहा था, उसी दौरान चीन ने पाकिस्तान को उपग्रहों के जरिए भारतीय हथियारों की तैनाती का पता लगाने में मदद की। इससे पाकिस्तान को अपनी सैन्य रणनीति बेहतर बनाने का अवसर मिला।
भारतीय थिंक टैंक के अनुसार, चीन ने केवल कूटनीतिक समर्थन ही नहीं बल्कि लॉजिस्टिक, खुफिया और सैन्य समर्थन भी दिया। रिपोर्ट की गंभीरता इसलिए भी अहम है क्योंकि इस थिंक टैंक के सलाहकार मंडल में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के शीर्ष अधिकारी शामिल हैं।
हालांकि संघर्ष के दौरान चीन के एयर डिफेंस सिस्टम का प्रदर्शन कमजोर रहा, जबकि भारत का सिस्टम अत्यधिक प्रभावी साबित हुआ और पाकिस्तान के हवाई हमलों को विफल कर दिया। अब विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को चीन और पाकिस्तान के साझा मोर्चे से भविष्य में युद्ध की आशंका और अधिक गहराई से महसूस होने लगी है।
विशेषज्ञ कुमार के अनुसार, यदि भारत और चीन में टकराव होता है, तो पाकिस्तान निश्चित तौर पर चीन के पक्ष में खड़ा होगा। इस आशंका को देखते हुए भारत ने दो मोर्चों पर एक साथ संघर्ष की स्थिति को ध्यान में रखते हुए रणनीति बनानी शुरू कर दी है।