पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में भारतीय दूतावास ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति का शक्तिशाली प्रदर्शन किया। जब भारतीय मिशन के बाहर पाकिस्तानी नागरिकों के एक समूह ने प्रदर्शन किया, तो भारतीय राजदूत प्रदीप कुमार और उनके सहयोगियों ने पीछे हटने की बजाय एक बड़ा पोस्टर लगा दिया जिस पर लिखा था: “ऑपरेशन सिंदूर – अभी खत्म नहीं हुआ है।” यह जवाब पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को करारा संदेश था।

यह घटना उस समय की है जब भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए 7 मई को आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए थे। इन हमलों का उद्देश्य 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब देना था। लिस्बन में हुई यह कार्रवाई कूटनीतिक स्तर पर भारत की रणनीतिक शक्ति का परिचायक बनी।

भारतीय मिशन की रणनीति ने न सिर्फ प्रदर्शनकारियों को जवाब दिया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि भारत आतंकवाद से लड़ाई में किसी भी स्तर पर कमजोर नहीं पड़ेगा। भारतीय राजनयिकों का यह कदम एक प्रकार का कूटनीतिक मास्टरस्ट्रोक था, जिसने भारत की वैश्विक छवि को और मजबूत किया।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ की बात करें तो यह अभियान भारत की सैन्य रणनीति और सटीकता का प्रमाण है। इसमें आतंकियों के ठिकानों के साथ-साथ पाकिस्तान की कई सैन्य सुविधाओं को नुकसान पहुंचाया गया। इस प्रकार, भारत ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक युद्ध लड़ने के लिए तैयार है।