भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों का गठन किया है। ये प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों सहित लगभग पांच-पांच देशों का दौरा कर पाकिस्तान की आतंक समर्थक नीति को उजागर करेंगे। प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में सत्ता और विपक्ष के सांसदों के साथ वरिष्ठ राजनयिक भी शामिल होंगे। यह निर्णय पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद लिया गया है।
संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल भारत के “जीरो टॉलरेंस फॉर टेररिज़्म” नीति का संदेश लेकर दुनिया के सामने पेश होंगे। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बताया।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले सांसद:
- रवि शंकर प्रसाद (भाजपा)
- बैजयंत पांडा (भाजपा)
- शशि थरूर (कांग्रेस)
- संजय झा (जदयू)
- कनीमोझी (डीएमके)
- सुप्रिया सुले (एनसीपी – शरद पवार गुट)
- श्रीकांत शिंदे (शिवसेना)
शशि थरूर और सुप्रिया सुले ने इस पहल को राष्ट्रीय हित में जरूरी बताते हुए कहा कि विदेशों में जाकर भारत का पक्ष मजबूती से रखा जाएगा। दौरे लगभग 10 दिनों के होंगे, जिसमें हर समिति 5 से 8 देशों का भ्रमण करेगी।