बिहार विधानसभा चुनाव की रणभूमि में कांग्रेस ने अब नया दांव चला है। दलित वोट बैंक को साधने के लिए पार्टी ने बनाई है अपनी नई ‘D कंपनी’—यहां ‘D’ का मतलब है दलित, और कंपनी की कमान सौंपी गई है दो नए चेहरों को: कृष्णा अल्लावरु और राजेश राम।सूत्रों के मुताबिक, इस रणनीति के पीछे राहुल गांधी की विशेष मंशा है। दिल्ली में हुई बैठक में तय हुआ कि दलित मतदाताओं को अपने पक्ष में लाने के लिए अब पारंपरिक तरीकों से हटकर सीधे जमीनी स्तर पर काम किया जाएगा। अल्लावरु और राम को राज्य के 38 जिलों में अलग-अलग दलित महासभाएं करने का जिम्मा सौंपा गया है।कांग्रेस का मानना है कि अगर दलित समुदाय को भावनात्मक और सामाजिक आधार पर जोड़ लिया जाए, तो यह समीकरण राज्य में पार्टी की किस्मत बदल सकता है। जानकार कहते हैं कि यह रणनीति कहीं न कहीं मायावती और चिराग पासवान जैसे नेताओं की नींद उड़ाने वाली है।अब देखना होगा कि क्या कांग्रेस की ‘D कंपनी’ बिहार में कोई बड़ा उलटफेर कर पाएगी, या फिर यह सिर्फ एक प्रयोग बनकर रह जाएगी।