भारत में तुर्किये के खिलाफ गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसकी वजह है तुर्किये का पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत-विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होना। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई के जवाब में तुर्किये ने पाकिस्तान को न केवल ड्रोन मुहैया कराए बल्कि उनके संचालक भी दिए। इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब भारत में तुर्किये के बहिष्कार की मांग जोरों पर है।
सेलेबी एविएशन की मौजूदगी पर उठे सवाल
विरोध का कारण सिर्फ कूटनीतिक ही नहीं बल्कि व्यावहारिक भी है। तुर्किये की कंपनी Celebi Aviation भारत के आठ प्रमुख हवाई अड्डों – दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बंगलुरु, गोवा, अहमदाबाद और कोचीन – में ग्राउंड हैंडलिंग, कार्गो प्रबंधन और यात्रियों के सामान के प्रबंधन जैसे उच्च सुरक्षा से जुड़े कार्यों को संचालित कर रही है।
कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, उसके भारत में 7800 कर्मचारी हैं और वह सालाना लगभग 58,000 उड़ानों और 5.4 लाख टन कार्गो का प्रबंधन करती है। यह स्थिति देश की सुरक्षा चिंताओं को और गंभीर बनाती है, क्योंकि एयरपोर्ट सुरक्षा बेहद संवेदनशील क्षेत्र है और ऐसे में एक तुर्किश कंपनी की मौजूदगी कई सवाल खड़े करती है।
2008 से भारत में सक्रिय है कंपनी
सेलेबी एविएशन ने वर्ष 2008 में मुंबई एयरपोर्ट से अपनी सेवाएं शुरू की थीं। इसके बाद इसने अन्य प्रमुख एयरपोर्ट्स में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई और धीरे-धीरे भारतीय विमानन क्षेत्र में अपना दायरा बढ़ाया। कंपनी दो सब्सिडियरी कंपनियों – Celebi Airport Services India और Celebi Delhi Cargo Terminal Management India – के जरिए भारत में काम करती है।
तुर्किये की पाकिस्तान समर्थक भूमिका
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन पाकिस्तान के कट्टर समर्थक माने जाते हैं। उन्होंने कई बार कश्मीर मुद्दे पर भारत विरोधी बयान दिए हैं। अब जबकि भारत में तुर्किये के उत्पादों और कंपनियों के बहिष्कार की मांग हो रही है, Celebi Aviation के संचालन को लेकर भी सरकार पर दबाव बन रहा है।