रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रारंभ किया गया सुशासन तिहार आम जनता की वास्तविक समस्याओं, आवश्यकताओं और मांगों को समझकर उनका समयबद्ध निराकरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक संवेदनशील और जनकल्याणकारी पहल साबित हो रहा है। यह आयोजन शासन की तत्परता को गांव-गांव और व्यक्ति-व्यक्ति तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम बना है।
बालोद जिले के डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के ग्राम गणेश खपरी निवासी 85 वर्षीय दिव्यांग महिला श्रीमती ढेला बाई के लिए यह तिहार किसी वरदान से कम नहीं रहा। परिवारजनों द्वारा सहयोग नहीं मिलने के कारण वे अपनी भांजी श्रीमती सुनीता बाई के साथ रह रही थीं, लेकिन दैनिक जीवनयापन के लिए आवश्यक राशन की व्यवस्था उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन गई थी।
सुशासन तिहार के प्रथम चरण में राशन कार्ड के लिए आवेदन करने की सुविधा उपलब्ध होने की जानकारी मिलते ही उन्होंने ग्राम पंचायत कार्यालय में अलग राशन कार्ड हेतु आवेदन प्रस्तुत किया। प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए आवेदन की जांच की और शीघ्र ही नया राशन कार्ड बनाकर ग्राम नाहंदा में आयोजित समाधान शिविर के दौरान उन्हें सौंपा।
नया राशन कार्ड पाकर श्रीमती ढेला बाई भावुक हो उठीं। उन्होंने राज्य शासन की संवेदनशीलता की सराहना करते हुए कहा कि सुशासन तिहार उनके जीवन में संकटमोचक बनकर आया है। अब उन्हें दो वक्त की रोटी के लिए चिंता नहीं करनी पड़ेगी और वे अपने जीवन के अंतिम पड़ाव को सम्मानपूर्वक जी सकेंगी। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय एवं छत्तीसगढ़ शासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह आयोजन जरूरतमंदों के जीवन में नई उम्मीद और भरोसे की किरण लेकर आया है।