यूक्रेन का करारा प्रहार: रूस के 41 लड़ाकू विमान नेस्तनाबूद, 4 हवाई अड्डों पर ड्रोन हमला, ₹17,000 करोड़ का झटका

यूक्रेन ने रूस की सैन्य ताकत को अभूतपूर्व झटका देते हुए 1 जून 2025 को एक साहसिक ड्रोन हमले को अंजाम दिया। यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) द्वारा संचालित “वेब” या “स्पाइडरवेब” नामक इस विशेष ऑपरेशन में रूस के चार प्रमुख सैन्य हवाई अड्डों को निशाना बनाया गया। यूक्रेन का दावा है कि इस हमले में रूस के 41 से अधिक सैन्य विमान नष्ट हुए, जिनमें रणनीतिक बमवर्षक Tu-95, Tu-22M3 और एक A-50 अवाक्स (हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली) विमान शामिल हैं। इस ऑपरेशन से रूस को अनुमानित 2.2 बिलियन डॉलर (लगभग ₹17,000 करोड़) का नुकसान हुआ है। यह हमला यूक्रेन-रूस युद्ध में अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन ऑपरेशन माना जा रहा है।

हमले का दायरा: साइबेरिया तक पहुंची यूक्रेन की मार

यूक्रेन ने चार रूसी हवाई अड्डों को निशाना बनाया, जो रूस की सैन्य शक्ति के महत्वपूर्ण केंद्र हैं:

  1. बेलाया एयरबेस (साइबेरिया): कीव से 4,000 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित यह हवाई अड्डा रूस के सबसे दूरस्थ सैन्य ठिकानों में से एक है। यहां रणनीतिक बमवर्षक विमान तैनात थे।

  2. ओलेन्या एयरबेस (मरमांस्क): आर्कटिक क्षेत्र में स्थित, यह रूस के उत्तरी बेड़े का महत्वपूर्ण ठिकाना है।

  3. द्यागिलेवो एयरबेस (रियाज़ान): मॉस्को के पास यह हवाई अड्डा रूस के रणनीतिक विमानों का केंद्र है।

  4. इवानोवो एयरबेस (इवानोवो): यह हवाई अड्डा रूस की सैन्य उड्डयन इकाइयों का प्रमुख आधार है।

इन हवाई अड्डों पर तैनात विमानों में Tu-95 (बेयर) और Tu-22M3 (बैकफायर) जैसे रणनीतिक बमवर्षक शामिल थे, जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं। इसके अलावा, A-50 अवाक्स विमान, जो हवाई निगरानी और कमांड सेंटर की भूमिका निभाता है, भी नष्ट होने की खबर है।

ऑपरेशन “स्पाइडरवेब”: डेढ़ साल की गुप्त योजना

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की की निगरानी में इस ऑपरेशन की योजना डेढ़ साल से बन रही थी। यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) ने इसे “वेब” नाम दिया, जो जटिल और गुप्त रणनीति को दर्शाता है। हमले में इस्तेमाल हुए FPV (फर्स्ट-पर्सन व्यू) ड्रोनों को रूस के भीतर गुप्त रूप से ले जाया गया। इन ड्रोनों को ट्रकों में छिपाकर परिवहन किया गया और रूसी क्षेत्र में लकड़ी के शेड्स के नीचे छिपाया गया। ऑपरेशन की खासियत थी इन ड्रोनों का रिमोट लॉन्चिंग सिस्टम, जिसने रूस की हवाई सुरक्षा प्रणालियों को चकमा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

यूक्रेन ने हाल के वर्षों में अपनी ड्रोन तकनीक को उल्लेखनीय रूप से उन्नत किया है। मार्च 2025 में यूक्रेन ने 3,000 किलोमीटर रेंज वाले ड्रोनों के विकास की घोषणा की थी, और इस हमले ने 4,000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार करने की उनकी क्षमता को साबित कर दिया।

रूस की प्रतिक्रिया: नुकसान की पुष्टि, लेकिन सीमित स्वीकारोक्ति

रूस के रक्षा मंत्रालय ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि मरमांस्क और इरकुत्स्क क्षेत्रों में कुछ विमानों में आग लगी, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ। इरकुत्स्क के गवर्नर इगोर कोब्ज़ेव ने स्रेदनी गांव में एक सैन्य इकाई पर ड्रोन हमले की बात स्वीकारी। रूसी टेलीग्राम चैनलों और सोशल मीडिया पोस्ट्स ने भी हमले की खबरें साझा कीं, लेकिन नुकसान के दायरे को कम करके आंका। कुछ रूसी स्रोतों ने दावा किया कि केवल कुछ विमान क्षतिग्रस्त हुए और रूस ने ज्यादातर ड्रोनों को मार गिराया। हालांकि, यूक्रेन के दावों की तुलना में रूस की स्वीकारोक्ति काफी सीमित है।

नुकसान का आकलन: रूस की सैन्य ताकत को झटका

यूक्रेन के दावे के अनुसार, इस हमले में नष्ट हुए 41 विमानों में शामिल हैं:

  • Tu-95 बेयर: रूस का रणनीतिक बमवर्षक, जो लंबी दूरी तक परमाणु और पारंपरिक हथियार ले जा सकता है।

  • Tu-22M3 बैकफायर: मध्यम दूरी का सुपरसोनिक बमवर्षक, जो क्रूज मिसाइलें दागने में सक्षम है।

  • A-50 अवाक्स: हवाई निगरानी और कमांड के लिए महत्वपूर्ण, जिसकी कीमत अकेले सैकड़ों मिलियन डॉलर है।

यूक्रेन का अनुमान है कि इस हमले से रूस को 2.2 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ, जो भारतीय मुद्रा में लगभग ₹17,000 करोड़ है। यह नुकसान न केवल आर्थिक है, बल्कि रूस की रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक ताकत को भी प्रभावित करता है।

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